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Tuesday 3 April 2012

ऑनलाइन शॉपिंग का स्मार्ट रिस्क मैनेजमेंट

आज की तारीख में आप इंटरनेट पर लगभग सब कुछ खरीद सकते हैं। आप किताब, अपैरल, मोबाइल फोन के अलावा एलसीडी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे महंगे इलेक्ट्रॉनिक आइटम ऑनलाइन खरीद सकते हैं। यह खरीद flipkart.com. infibeam.com, snapdeal.com, crazeal.com, jabong.com और कुछ दूसरी स्वतंत्र ऑनलाइन रीटेलरों से की जा सकती है। शॉपर्स स्टॉप और पैंटालून जैसे रीटेलर्स की खुद की ऑनलाइन वेबसाइट्स हैं, जिनके जरिए इनके प्रॉडक्ट्स खरीदे जा सकते हैं। ऑनलाइन खरीदारी के समय एक सवाल आमतौर पर लोगों के जहन में उठता है कि क्या जूलरी या कन्ज़यूमर ड्यूरेबल्स जैसे महंगे प्रॉडक्ट्स को ऑनलाइन खरीदना ठीक है? या आपको कुछ खास कैटिगरीज़ और ब्रांड्स तक सीमित रहना चाहिए?

ऑनलाइन मार्केटिंग कंसल्टेंट अशोक हेगड़े का कहना है, 'जाने-माने ब्रैंड या किताबों और मोबाइल फोन जैसे प्रॉडक्ट्स को ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। हालांकि, ग्राहकों को महंगे प्रॉडक्ट्स या अपैरल और फुटवेयर प्रॉडक्ट्स ऑनलाइन खरीदते सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इन प्रॉडक्ट्स को खरीदते समय साइज और कलर पर खासतौर से ध्यान देना होता है।' 



किसी भी स्टोर में जाकर खरीदारी की प्रक्रिया बेहद आसान होती है। स्टोर में अगर आपको कोई प्रॉडक्ट पसंद आता है तो उसका भुगतान करने के बाद वह प्रॉडक्ट आपका हो जाता है। हालांकि, ऑनलाइन माध्यम में प्रॉडक्ट की बुकिंग और भुगतान करने के बाद भी उसे आप तक पहुंचने में 2-15 दिन का वक्त लगता है। कई बार ऐसा भी होता है कि कई वेबसाइट्स अपडेटेड नहीं होती हैं। ऐसे में ऑनलाइन शॉपिंग के वक्त वेबसाइट पर तो आपको मालूम चलेगा कि प्रोडक्ट उपलब्ध है, लेकिन असल में उसका स्टॉक खत्म हो चुका होता है। जब आप ऐसे किसी प्रॉडक्ट की बुकिंग कराते हैं तो उसके उपलब्ध न होने की जानकारी आपको लेट से मिलती है। कई बार तो इसमें एक हफ्ते का भी वक्त लग सकता है और आखिरकार आपके हाथ में प्रोडक्ट नहीं आता है। ऑनलाइन खरीदे जाने वाले ज्यादातर प्रॉडक्ट्स की डिलीवरी कुरियर से होती है। भेजे जाने वाले कुरियर की डिलीवरी कई बार ऐसे समय में होती है, जबकि आप घर पर नहीं होते हैं। कई बार तो कुरियर गलत पते पर पहुंच जाता है। प्रॉडक्ट्स की डिलीवरी में ट्रांसपोर्ट के दौरान उसके टूटने या ड्यूप्लिकेट प्रॉडक्ट के आपके पास पहुंचने का खतरा बना रहता है। अगर बुक कराया गया प्रॉडक्ट अपैरल या फुटवेयर है तो उसके आकार में भी अंतर हो सकता है। अशोक हेगड़े का कहना है, 'कई बार ऐसा होता है कि जब जो प्रॉडक्ट ऑर्डर करते हैं, वह आपको फिट नहीं आता है, क्योंकि अलग-अलग ब्रांड्स के साइज में अंतर होता है।'

जोखिम से कैसे पाएं पार
बतौर ऑनलाइन बायर परचेज ऑर्डर करते समय आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। किसी भी वेबसाइट्स पर ऑर्डर देने से पहले अपने दोस्तों या ऑफिस सहकर्मियों से उनके खरीदारी से जुड़े अनुभवों के बारे में पूछें। ई-कॉमर्स का कारोबार तेजी फैल रहा है, ऐसे में इस कारोबार में उतरने वाली कंपनियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। ऑनलाइन बायर्स को कंपनियों को लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए। इंटरनेट मार्केटिंग कंसल्टेंट अंकित कुमार का कहना है, 'किसी भी वेबसाइट का चुनाव करने से पहले इंटरनेट पर उसका रिव्यू पढ़ें। इससे आपको वेबसाइट की विश्वसनीयता के बारे में जानकारी मिल जाएगी।' कुमार का कहना है कि अगर आप पहली बार ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं तो डिलीवरी पर पेमेंट करना आपके लिए बेहतर और सुरक्षित ऑप्शन होगा। 

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